Punarnava Boerhaavia diffusa Leprosy treatment , Leishmanasis,Low blood pressure, fast Heart beats, Nutrition product
- पुनर्नवा के फायदे : - पुनर्नवा भारत के लगभग सभी राज्यों में पाए जाने वाला वन औषधि है इसके छोटे-छोटे फूल हल्के गुलाबी रंग के होते हैं जैसा किसके नाम से ही पता चलता है
- पुनर्नवा का मतलब फिर से नया, पुनर्नवा के फायदे अनेको है।
- यह जमीन पर फैलने वाली छोटी लताओं जैसे खाली जमीन पर सड़क के किनारे स्वयं उग जाते हैं गर्मियों में सुख जाते हैं पर वर्षा ऋतु में पुनः इनके जड़ से नई शाखाएं निकल आती हैं पुनर्नवा का पौधा अनेक वर्षों तक जीवित रहता है ।
- पुनर्नवा का पंचांग (पूरा पौधा) दवा के काम में आता है पुनर्नवा की जड़ और तने सहित उसको पानी में खौला कर उस पानी से आंखों को धोने से आंखों की रोशनी वापस आती है
- पुनर्नवा की जड़ का चूर्ण आधा ग्राम सुबह-शाम शहद के साथ 10 दिनों तक लेने से निम्न रक्तचाप स्वाभाविक हो जाती है
- कभी-कभी घबराहट , चिंता इत्यादि मानसिक कारणों से हृदय में भारीपन महसूस होता है या अचानक धड़कन बढ़ जाती है ऐसी स्थिति में पुनर्नवा का रस दो चम्मच सुबह-शाम लेने से लाभ होता है
- कुष्ठ रोग, दूषित घाव पुनर्नवा के पंचांग को पानी में अच्छी तरह उबालकर उस पानी से घाव को धोना चाहिए और साथ ही पुनर्नवा की जड़ को पीसकर दही के साथ लगाने से कुष्ठ एवं दूषित घाव कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है
- यदि पेशाब करने में तकलीफ हो एवं किडनी में समस्या उत्पन्न हो रही हो इंफेक्शन हो गया हो तो पुनर्नवा के पंचांग को पानी में खोला कर उस पानी का प्रतिदिन सेवन करने से किडनी से संबंधित सारी बीमारियां धीरे-धीरे खत्म हो जाती हैं
- प्रसव के बाद कमजोरी ,रक्त की कमी (एनीमिया) और सूजन में, पुनर्नवा के पंचांग का रस एक महीना प्रयोग करने से लाभ होता है इस स्थिति में पुनर्नवा की जड़ का चूर्ण ढाई सौ ग्राम (दो चुटकी) सुबह शाम दूध के साथ लेने से आराम होता है
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